गोस्वामी तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस भारतीय संस्कृति मे एक विशेष स्थान रखती है और भारत में कई घरों में इसका पाठ नियमित रूप से होता है! प्रभु श्रीराम का जीवन का बहुत ही सुन्दर वर्णन इस ग्रन्थ में मिलता है! १६वीं शताब्दी में गोस्वामी तुलसीदास ने अवधी भाषा में श्रीरामचरित जैसे महाकाव्य की रचना की। इसे तुलसीकृत रामायण या तुलसी रामायण भी कहा जाता है!
एडमिन का पूर्ण प्रयास है की आपको श्रीरामचरितमानस का अनुवाद हिंदी के साथ इंग्लिश और अन्य भाषाओँ में भी करके, आप सभी पाठकों तक इस महाकाव्य को पहुंचा सकें!
इसके आलावा एडमिन का प्रयास है की राम भक्ति की भावना का प्रवाह को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास पूर्ण हो!