रावण की सेना लाखों से ज्यादा करोड़ो की संख्या में थी, इसके बावजूद भी सिर्फ वानरों की सेना के सहारे ही प्रभु राम ने सिर्फ आठ दिन में ही युद्ध समाप्त कर रावण का वध किया. वो आठ दिन राम सेना के लिए कितने भारी थे उसके कई उदहारण दिए हैं -
रावण की सेना में में ऐसे अदम्य बलवान और पराक्रमी राक्षस योद्धा थे जिन्हे भगवान् की सिवाय किसी और मनुष्य का हारा पाना नामुमकिन सा था इसलिए भगवान विष्णु के साथ भगवान् शिव के ग्यारहवें अंश हनुमान जी और बहुत से देवताओं के अंश ने जन्म लिया तथा हर प्रकार से मदद की।
रावण की सेना में उसके प्रतापी सात पुत्र और कई भाई सेना नायक थे इतना ही नहीं रावण के कहने पर उसके भाई अहिरावण ने श्री राम और लक्ष्मण का छल से अपहरण कर मारने की कोशिश की थी. रावण स्वयं दशग्रीव था और उसके नाभि में अमृत होने के कारण लगभग अमर था।
रावण का पुत्र मेघनाद ( जन्म के समय रोने की नहीं बल्कि मुख से बदलो की गरज की आवाज आई थी) को स्वयं ब्रह्मा ने इंद्र को प्राण दान देने पर इंद्रजीत का नाम दिया था. ब्रह्मा ने उसे वरदान भी मांगने बोला तब उसने अमृत्व माँगा पर वो न देके ब्रह्मा ने उसे युद्ध के समय अपनी कुलदेवी का अनुष्ठान करने की सलाह दी, जिसके जारी रहते उसकी मृत्यु असंभव थी.
रावण का पुत्र अतिक्या जो की अदृश्य होकर युद्ध करता था, रावण का भाई कुम्भकरण जिसे स्वयं नारद मुनि ने दर्शन शाश्त्र की शिक्षा दी थी, वो अधर्म के पक्ष में है जानकार भी भाई के मान के लिए अपनी आहुति दी थी.
हनुमान जी ने रावण की सेना को इस तरह बताया -
10,000 सैनिक पूर्वी द्वार पे तैनात हैं
100,000 सैनिक, चतुरंगिणी सेना के साथ दक्षिणी द्वार पे तैनात है
1,000,000 सेना जो हर अस्त्रों से लड़ने में निपुण हैं वो पश्चिमी द्वार पे खड़े हैं
1,000,000 से ज्यादा राक्षस सेना जो रथ और घोड़े वाली है, उत्तरी द्वार पे तैनात हैं
1,000,000 राक्षस सेना जो पूरी लंका में हर तरफ तैनात हैं
रावण के भाई -
कुम्भकर्ण - राम जी ने मारा
खर - राम जी ने मारा
दूषण - राम जी ने मारा
अहिरावण - हनुमान जी ने मारा
रावण के सात शूरवीर पुत्र -
मेघनाद - रावण का सबसे बड़ा पुत्र जिसे इंद्रजीत कहा गया, लक्ष्मण जी ने मारा
प्रहस्त - सुग्रीव के कई बलशाली योद्धाओं को मारा, युद्ध के पहले दिन ही लक्ष्मण जी ने मारा
नरान्तक - हनुमान जी ने मारा
देवान्तक - हनुमान जी ने मारा
अतिकाय - लक्ष्मण जी ने मारा
त्रिशिरा - राम जी ने मारा
अक्षयकुमार - हनुमान जी ने मारा
कुम्भकरण के दो पुत्र -
कुम्भ - सुग्रीव ने मारा
निकुम्भ - हनुमान जी ने मारा
खर के दो पुत्र -
मकराक्ष - राम जी ने मारा
विशालाक्ष -
अन्य -
अकम्पना - हनुमान जी ने मारा
अशनिप्रभ - द्विविद ने मारा
धूम्राक्ष - हनुमान जी ने मारा
दुर्धष - राम जी मारा
जाम्बाली - हनुमान जी ने मारा
महाकाय - राम जी ने मारा
महापार्श्वा - अंगद ने मारा
महोदर - सुग्रीव ने मारा
प्रजनघ - अंगद ने मारा
नगपुत्रा - अंगद ने मारा
सारण - राम जी ने मारा
समुन्नत - दुर्मुख ने मारा
शार्दूल - जिसने बताया, राम की सेना समुद्र पार करके आ गई है
शोनिताक्ष - अंगद ने मारा
शुक - राम जी ने मारा
विद्युन्माली - सुषेण ने मारा
विरूपाक्ष - लक्ष्मण जी ने मारा
यज्ञशत्रु - राम जी ने मारा
मत्त
अग्निकेतु
दुर्मुख
कुम्भानु
महानाद
मत्त
मित्रघन
पिशाच
प्रघास
प्रतापन
रभास
रश्मिकेतु
सन्मुख
वज्रदंष्ट्र
वज्रमुस्ति
विकट
यज्ञकोप
यूपाक्ष
जैसे महापराक्रमी दैत्यों और राक्षसों को मारकर प्रभु श्री राम ने अधर्म पे धर्म की जीत की ।