• अरण्यकाण्ड मंगलाचरण
• जयंत की कुटिलता और फल प्राप्ति
• अत्रि मिलन एवं स्तुति
• श्री सीता-अनसूया मिलन और श्री सीताजी को अनसूयाजी का पतिव्रत धर्म कहना
• श्री रामजी का आगे प्रस्थान, विराध वध और शरभंग प्रसंग
• राक्षस वध की प्रतिज्ञा करना, सुतीक्ष्णजी का प्रेम, अगस्त्य मिलन, अगस्त्य संवाद
• राम का दंडकवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास और श्री राम-लक्ष्मण संवाद
• शूर्पणखा की कथा, शूर्पणखा का खरदूषण के पास जाना और खरदूषणादि का वध
• शूर्पणखा का रावण के निकट जाना, श्री सीताजी का अग्नि प्रवेश और माया सीता
• मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना, सीताजी द्वारा लक्ष्मण को भेजना
• श्री सीताहरण और श्री सीता विलाप
• जटायु-रावण युद्ध, अशोक वाटिका में सीताजी को रखना
• श्री रामजी का विलाप, जटायु का प्रसंग, कबन्ध उद्धार
• शबरी पर कृपा, नवधा भक्ति उपदेश और पम्पासर की ओर प्रस्थान
• नारद-राम संवाद
• संतों के लक्षण और सत्संग भजन के लिए प्रेरणा
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