शूर्पणखा वध, मारीच प्रसंग और रावण का सीता हरण के घटनाक्रम अरण्यकाण्ड में उल्लेखित हैं। अरण्यकाण्ड के सभी घटनाक्रमों की विषय सूची नीचे दी गई है। आप सभी घटनाक्रमों के बारे में क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
Read SHRIRAMCHARITMANAS in Awadhi Hindi English | Valmiki Ramayana in Sanskrit & Hindi | श्रीरामचरितमानस, वाल्मीकि रामायण - मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम
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सावन माने रिमझिम फुहारों का मौसम और मेरे प्रभु भोलेनाथ का महीना। यही वह महीना है, जब भोलेनाथ, कैलाश से उतरकर शिवालयों में विराजमान होते हैं...
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रामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास लिखते हैं कि रावण इतना शक्तिशाली था की उसने बहुंत से देवताओं को बंदी बना के अपने दरबार में रखा था और ये स...
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करवा चौथ के व्रत संबंध में कई लोककथाएं प्रचलित हैं। एक बार पांडु पुत्र अर्जुन तपस्या करने नीलगिरी नामक पर्वत पर गए। इधर द्रोपदी बहुत परे...
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रावण की सेना लाखों से ज्यादा करोड़ो की संख्या में थी, इसके बावजूद भी सिर्फ वानरों की सेना के सहारे ही प्रभु राम ने सिर्फ आठ दिन में ही युद...
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ये माना जाता था की तुलसीदास जी के पास बहुत सी चमत्कारी शक्तियां थीं । एक बार एक मरे हुए ब्राह्मण को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था...
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रामायण में यह भी उल्लेख आता है के बालि प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाने पूर्व तट से पश्चिम तट और उत्तर से दक्षिण तटों में जाता था। वानर राज ...
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कुम्भकर्ण रावण का भाई तथा विश्रवा का पुत्र था। कुंभकर्ण की ऊंचाई छह सौ धनुष तथा मोटाई सौ धनुष थी। उसके नेत्र गाड़ी के पहिये के बराबर थे। उस...
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प्रभु श्रीराम के तीर से जब रावण मरणासन्न अवस्था में हो गया, तब श्रीराम ने लक्ष्मण से उसके पास जाकर शिक्षा लेने को कहा। श्रीराम की यह बात सु...
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कहा जाता है कि एक बार जब रम्भा कुबेर-पुत्र के यहाँ जा रही थी तो कैलाश की ओर जाते हुए रावण ने की नजर उस सुन्दर औरत पर पड़ी जो की असल में एक अ...